मन को शांति कैसे मिले, मन की शांति पाने का सरलतम उपाय क्या है,माया क्या है,माया से मुक्ति कैसे मिले? भवसागर क्या है, ईश्वरीय अनुभवों ,भगवद कृपाओं, शरणागति (समर्पण) की प्रेरणाओं सहित प्रभु प्रदत्त अनन्त अनमोल ज्ञान और प्रेरणाओं का अनूठा संगम अर्थात "भगवद प्रसाद"

मंगलवार, 24 मार्च 2020

प्रेरणात्मक परिचय

🙏🙏🙏
"परिचय"



मेरे प्यारे भाइयोँ बहनोँ मेरा नाम शिवप्रसाद
बर्मा है ।
🙏
इस ब्लाग को बनाने का मूल उद्देश्य है
आप सभी भगवद स्वरूपों के जीवन में शान्ति,मुक्ति, भक्ति, प्रेम और आनन्द जैसी अनन्य भगवद कृपाओं को सहज और शुलभ कराना है
ठीक उसी प्रकार जैसे सर्वब्यापक,अन्तर्यामी, सर्वसमर्थ प्रभु जी ने अनुभवों के माध्यम से मुझे प्रदान किया है।

क्यों कि प्रभु जी ने ही मुझे एक घटना के माध्यम से जनसेवार्थ जीने हेतु संकल्पबद्ध कराया था।
अतः आप मुझे अपना सेवक ही जानें।

अन्यथा मैं एकान्त प्रिय होने के कारण इस तरह के सोशल मीडिया पर ना होता।
क्यों कि
प्रभु जी जिसे अपने शरण में लेतें है
उसका मन सुख-दुख, लाभ-हानि, यश-अपयश, जय-पराजय , मोह-माया आदि मनोविकारों से मुक्त कर परम शांति प्रदान करते हुए
उसे अपने जीवन के समस्त धर्मों (कर्तब्यों) के प्रति सजग और सक्रिय कर देते हैं।


मैं एक अति साधारण गृहस्थ तथा आजीविका के
लिए गाजियबाद के एक कम्पनी मेँ स्प्रे पेँन्टर
की साधारण सी नौकरी करता हूँ ।
फेसबुक आइडी के रूप मेँ तीन आश्रम हैँ मेरे 1.प्रभु
शरणागत भक्त वर्मा ,2.शिवप्रसाद बर्मा ,3. प्रभु
शरणागत भक्त बर्मा।

समर्पण अर्थात शरणागति की प्रेरणाऐँ
बाँटना अपना परम धर्म मानता हूँ ।

केवल एक प्रार्थना ने इस जीवन को प्रभु कृपाओँ
से भर दिया
जिसे जन-सेवार्थ संकल्पबद्धता के कारण भगवद कृपा-प्रेरणा से
 "प्रभु
प्रसाद" मान कर बाँटता हूँ ।

स्वयँ को आप सभी सरल प्रभु भक्तोँ का सेवक
ही मानता हूँ ।

क्योँ कि प्रभु "लीलाधर" ने एक लीला ऐसी भी
खेली जिसमेँ मुझे अपने प्राण बचाने के लिए इस
जीवन को निःस्वार्थ सेवा मेँ लगाने का सँकल्प
लेना पड़ा ।
_/\_
आपके इस सेवक के जीवन की समस्त "प्रभु
लीलाओँ" का निचोड़ ऐसा ही है जैसे

"कोई भक्त प्रभु जी से एक निश्छल बालक की
भाँति ये प्रार्थना करे कि - "हे मेरे नाथ" मैँ
जीवन के सर्वश्रेष्ठ मार्ग पर चलना चाहता हूँ
परन्तु मुझे नही पता वो मार्ग कौन सा है
अतः आप ही मुझे जीवन के सर्वश्रेष्ठ मार्ग पर
चलाने की कृपा करेँ।"

प्रभु जी उस भक्त की सरलता और निष्काम सेवा भाव पर रीझ कर उसे
अपनी माया की प्रबलता और मानवीय विवशताओं से अवगत कराते हुए निःस्वार्थ
सेवा भाव से जनकल्यार्थ हेतु
"शरणागति"(समर्पण) की प्रेरणाऐँ बाँटने की कृपाऐं
प्रदान करते हुए दिखाते हैँ कि -

"तन ,मन और धन से की गई सेवा मात्र कुछ काल
तक के लिए ही सहायक है
परन्तु
यदि तुम्हारी प्रेरणा से कोई श्रद्धालु मेरी
शरणागत हो जाऐ तो मेरी अनन्य कृपाओं सहित उसका जीवन शान्तिमय
तथा जन्म-जन्मान्तर की भटकन से मुक्त होना
निश्चित है ।"


_/\_
"सचमुच" मेरे प्यारे भाइयोँ बहनोँ ये अकाट्य
सत्य भी है कि
यदि हमे "सर्वसमर्थ जगतपिता" की शरण मिल
जाऐ तो
हम अपने अच्छे-बुरे प्रारब्ध को भोगते हुए भी सदैव
शान्तिमय , और मुक्त अवस्था मेँ स्थिर तथा
धर्मपरायण(कर्तब्यपरायण) रहतेँ हैँ ।

अतः आप भी "शरणागति भावना" को स्वयँ तक
सीमित ना रख कर अपने मित्रोँ ,बच्चोँ और
स्वजनोँ को भी परमात्मा की शरणागति की प्रेरणा प्रदान करें
जैसा कि
मेरी माता जी ने एक महात्मा जी की सत्सँग
की प्रेरणा से मुझे प्रदान किया था ।
बचपन मे माँ ने एक सत्सँग से प्रेरित हो एक
लोटा जल अर्पण करते हुए समर्पण की
प्रार्थना कराई थी ।(माँ का आदेश था कि एक
लोटा जल कहीँ भी चढ़ाते हुए कहना "हे ईश्वर
अब इस जीवन नैइया की पतवार आपको सौँपता
हूँ इसे अब आप ही सम्भालिए ।"


युवा अवस्था मे कदम रखते ही बड़े ही सरलता
भाव से एक बार फिर मैने जगदीश्वर को ही
माता ,पिता और गुरू मान समर्पण की
प्रार्थना करते हुए जीवन के सर्वश्रेष्ठ मार्ग
पर चलाने की प्रार्थना कर बैठा ।

शायद प्रार्थना इतनी निश्छल और सरल थी
कि प्रभु जी बड़ी सहजता से रीझ गये

जिसके बाद घट घटवासी प्रभु जी ने अपनी
लीलाओँ की झड़ी लगा दी ।
जिसमेँ एक तरफ काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह
,अहँकार आदि भावनाओँ की भयावहता का
दर्शन करा कर मानवीय विवश्ताओँ का दर्शन
कराने के साथ-साथ सबके प्रति समान प्रेम और
दया का भाव तो जगाया ही
वहीँ
दूसरी तरफ वैराग्य निष्काम कर्म योग
,निश्चल भाक्ति ,प्रेम ,शान्ति आदि प्रदान
कर निःस्वार्थ सेवाभाव से जीवन जीने का
सँकल्प भी कराया ।

प्रभु जी की समस्त लीलाऐँ मेरे लिए अकल्पनीय
और समझ से परे थी ।
ऐसे मे
श्री भगवद गीता का लेख और प्रभु भक्तों की संगति के पश्चात पता
चला कि

प्रभु जी के समछ पूर्ण विश्वास और सरलता
पूर्वक स्वयँ को अपर्ण कर देना कोई साधारण
बात ना थी
यही वो भाव है
जो जगतपिता"श्री भगवान"ने श्री भागवत गीता में भी इसी भाव को सर्वश्रेष्ठ बताया है।
(अधिक जानकारी,प्रेरणा और विश्वनीयता के लिए भागवत गीता का ये वीडियो अवश्य देखिए)

तत्पश्चात जब मैने अपने अब तक के जीवन की
समीछा की तो पाया कि
प्रभु जी को अपने जीवन का भार अर्पण कर देने
से वो कैसे हमेँ भवकूपोँ(दुर्भावनाओँ) से हमारे
चरित्र की रछा करते हुए सदमार्ग पर अग्रसर
करतेँ है
फेसबुक पर केवल यही सोचकर शरणागति भावना
का प्रसार करना आरम्भ किया कि -
"जो भगवद परायण होते है उनका जीवन
भटकाव रहित हो निष्पाप हो जाता है
परन्तु
उस समय तक भी मैँ सत्सँग विहीन प्रभु
लीलाओँ को पूर्णरूप से समझ ना पाया था ।
फेसबुक पर कई ज्ञानी महात्माओँ और मित्रोँ के
ज्ञानमयी और भगवद गीतामयी पोस्टोँ के
माध्यम से मुझे ये ज्ञात हुआ कि -
"प्रभु जी की महिमा अपरम्पार है"
"वो" अपने आश्रितोँ(शरणार्थियोँ)" की ना
केवल दुर्भावनाओँ से रछा करते हैँ
बल्कि वो स्थितियाँ और अवस्थाऐँ भी सहज
प्रदान करतेँ हैँ
जो हमेँ कई जन्मोँ की कठिन साधनाओँ से भी
दुर्लभ है ।

मुझे अच्छी तरह याद है जब मैँ मित्रोँ के
ज्ञानमयी पोस्टोँ को पढ़ते हुऐ प्रभु लीलाओँ
और उसके महत्व को निज जीवन तथा आचरण मेँ
देख परम आनन्द से भाव-विभोर हो मूर्तिवत
बैठा रह जाता और नेत्रोँ से अविरल प्रेमाश्रुओँ
की धारा बहने लगती
हृदय प्रभु प्रेम से सराबोर हो पुकार उठता -

🙏"धन्य हो प्रभु जी आप जो पापी से पापी
मनुष्योँ की भी "शरणागति" सहज स्वीकार कर
परम शान्ति ,प्रेमानन्द और मुक्ति आदि
प्रदान करना अपना धर्म मानते हो।"


🙏
"हे मेरे नाथ" आपके श्री चरणोँ मेँ कोटि-कोटि
प्रणाम् ।


_/\_
"प्रभु शरण परम हितकारी"


"अनमोल प्रार्थनाऐँ"-

🙏
"हे प्रभु" आपकी इस माया सँसार मेँ मेरा मन
सदैव विषय-विकारोँ मेँ ही डूबा रहता है
दुर्भावनाओँ की प्रबलता सदैव पापाचरण को
विवश करतीँ है
अतः "हे दीनदयालु ","हे जगतश्रेष्ठ" मैँ अपना
सबकुछ हार कर आपकी शरण आया हूँ नाथ ।

🙏
मुझ अधर्मी ,पाप के भागी को अब आपका ही
आसरा है
"हे कृपासिन्धु" मेरे इस तुच्छ समर्पण को
स्वीकार कर अपनी माया से अभयता दीजिए ।

🙏
"दीनबन्धु दीनानाथ मेरी डोरी तेरे हाथ ।"

🙏
पन्चतत्व की बनी कोठरिया जिसका नाम है
काया ,
हर एक जीव रहे इस घर मेँ दे कर साँस किराया
भक्ति के रँग मेँ रँग लो रे जीवन यही है मुक्ति
की नाड़ी ,
प्रभु के भरोसे हांको गाड़ी "हरि" के भरोसे
हांको गाड़ी ।

0 टिप्पणियाँ:

Popular Posts

Recent Posts

test banner

Unordered List

Text Widget

Blog Archive

Fashion

Music

News

Sports

Food

Technology

Featured

Videos

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.

Videos

Facebook

Featured Post

Kategori

Kategori

Recent Comments

Photography

Featured Video

https://youtu.be/aHIHS6qkMBM

कुल पेज दृश्य

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Archive

यह ब्लॉग खोजें

Post Top Ad

Responsive Ads Here

मन की शान्ति कैसे मिले

मन को शान्ति कैसे मिले

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Author Details

Templatesyard is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design. The main mission of templatesyard is to provide the best quality blogger templates which are professionally designed and perfectlly seo optimized to deliver best result for your blog.

मन को शांति कैसे मिले https://prabhusharanagti.blogspot.com/?m=1

यह ब्लॉग खोजें https://prabhusharana.blogspot.com/

Contact


Fashion

Breaking

Sports

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Author Details

Templatesyard is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design. The main mission of templatesyard is to provide the best quality blogger templates which are professionally designed and perfectlly seo optimized to deliver best result for your blog.

Recent

Comments

Sponsor

test

Technology

Connect With us

Over 600,000+ Readers Get fresh content from FastBlog

Recent News

About Me

authorHello, my name is Jack Sparrow. I'm a 50 year old self-employed Pirate from the Caribbean.
Learn More →

Contact


Tags

Followers

फ़ॉलोअर

प्रभु शरणागत भक्त

प्रभु शरणागत भक्त
परमात्मा के शरणागति की भावपूर्ण प्रेरणाएं

News Updates

sponsor

sponsor
प्रभु शरणागत भक्त वर्मा

Mobile Logo Settings

Mobile Logo Settings

Featured Video

Tags

Translate

Sponsor

test

Recent News

About Me

authorHello, my name is Jack Sparrow. I'm a 50 year old self-employed Pirate from the Caribbean.
Learn More →

Connect With us

Over 600,000+ Readers Get fresh content from FastBlog

Comments

Popular